विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य है और विटामिन डी में इससे आसानी से प्राप्त हो जाता है। लेकिन इसके बावजूद भी कई लोगों को विटामिन डी से जुड़ी परेशानियां होती है या तो उनके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है या फिर कुछ ज्यादा मात्रा में हो जाता है। इसलिए यह भी जानना जरूरी है कि विटामिन डी की नार्मल रेंज क्या होनी चाहिए?
आइए जानते हैं विटामिन डी के बारे में :-
विटामिन डी की नार्मल रेंज
हर चीज की कोई लिमिट होती है, क्योंकि अधिक भी नहीं होनी चाहिए और उसकी कमी भी नहीं होनी चाहिए। विटामिन डी को नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर में मापा जाता है। कई डॉक्टरों की माने तो विटामिन डी की नार्मल रेंज 20 से 40 ng/mL है और कई सलाहकार 30 से लेकर 50 ng/mL तब की सलाह देते हैं।
विटामिन डी के स्रोत
सूर्य से विटामिन डी कैसे लें?
हमें यह तो मालूम है कि विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य है लेकिन इसे ग्रहण करने का एक सबसे अच्छा समय भी होता है। क्योंकि सूर्य केवल विटामिन डी ही नहीं देता इसके साथ उसमें पराबैंगनी किरणें भी होती है जिससे कि हमारी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है।
विटामिन डी लेने का सही समय
सुबह 8:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक हम सूर्य की धूप में बैठ सकते हैं यह विटामिन डी लेने के लिए सबसे अच्छा समय है। शाम के समय भी धूप में बैठ सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि अधिक तेज धूप में ना बैठे यह शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
विटामिन डी की कमी में क्या खाएं?
विटामिन डी वाले फल
कहीं ऐसे फल भी है जिनमें विटामिन डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिनसे हम आसानी से विटामिन डी ग्रहण कर सकते हैं। आइए जाने की कौन से फल है जिनसे विटामिन डी प्राप्त होता है –
- पालक
- संतरे का रस
- गाय का दूध
- अनाज
- दलिया
- अंडा
- मशरूम
- मछली
विटामिन डी के फायदे
विटामिन डी से हमें कई तरह के के फायदे मिलते हैं। आइए जाने विटामिन डी के फायदों के बारे में –
- विटामिन डी से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है जिससे कि हमारे शरीर को रोगों से लड़ने में सहायता मिलती है।
- वजन घटाने के लिए भी विटामिन डी काफी बेहतर है।
- इंफेक्शन और फ्लू के खतरे को भी कम करता है विटामिन डी।
- विटामिन डी ह्रदय के लिए भी काफी फायदेमंद है।
- हड्डियों को मजबूत बनाने में भी अहम भूमिका है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
शरीर के बाहर से विटामिन डी की कमी के लक्षण नजर नहीं आते लेकिन आसानी से पहचान सकते हैं।
- हड्डियां कमजोर हो जाना
- मांसपेशियों में दर्द रहना
विटामिन डी के कमी से कौन सा रोग होता है?
विटामिन डी की कमी से सूखा रोग या रिकेट्स (Rickets) हो जाता है। यह रोग अनुवांशिकता भी हो सकता है। जिसमें कारण हड्डियों के मुड़नें या पैरों में उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती है। जिसे कि अस्थिमृदुता (Osteomalacia) कहते हैं।